PICU Full Fom in Hindi: PICU हॉस्पिटल का एक विभाग होता है,जिसमे छोटे बच्चे का इलाज होता है जो बच्चे बहुत गंभीर रूप से बीमार होते हैं। उनका इलाज picu हॉस्पिटल में किया जाता है। picu हॉस्पिटल में 1साल से लेकर 15 माह तक के बच्चे को picu मे भर्ती किया जाता है और एक बात बता दे कि जिन बच्चो की तबियत ज्यादा गंभीर रूप से खराब होती है। उन्हीं बच्चों को picu में भर्ती किया जाता है,नॉर्मल बीमार बच्चो को picu मे भर्ती नहीं किया जाता है।
What is PICU in hindi
PICU डिपार्टमेंट में छोटे बच्चों का इलाज होता है, कोई बच्चा गंभीर रूप से बीमार होता है। तो उसे picu डिपार्टमेंट में एडमिट कराया जाता है। कुछ बच्चे जब जन्म लेने के बाद से ही बीमार हो जाते है। तब उन्हें माँ से अलग करके दूसरे वार्ड मे शिफ्ट किया जाता है वह वार्ड picu वर्ड होता है। वही बच्चो की बीमारी का इलाज अलग से शुरू किया जाता है। जिन बच्चों को ये बीमारियां होती है जैसे -सांस लेने मे परेशानी होना,
दिल की धडकन का तेजी से बढ़ना, घटना,पीलिया होना,बुखार होना लम्बे समय तक, दिल मे छेद होने की बीमारी, ये सब का इलाज के लिए बच्चो को picu मे रखा जाता है।
PICU full from in hindi
1. PICU full form in english :-pediatric intensive care unit.
2. PICU full form in hindi:- बाल चिकित्सा गहन देखभाल इकाई है।
PICU को pediatric intensive care unit या बाल चिकित्सा गहन देखभाल इकाई है। बाल चिकित्सा गहन मे बच्चो की देखभाल की जाने की पूरी जिम्मेदारी होती है, यहां उन्हीं बच्चों को इलाज के लिए रखा जाता है जो गंभीर रूप से बीमार होते हैं, उन्हीं बच्चो को picu मे भर्ती किया जाता है। बाल चिकित्सा गहन देखभाल मे बच्चो जो ज्यादा बीमार रहते है उनकी देख -रेख के लिये वहाँ नर्स होती है। उनको एक्सपीरियंस होता है कि जिन बच्चो की तबियत ज्यादा खराब होती है। उनको किस समय कौन सी दवाई देनी चाहिये। ताकि बच्चा जल्दी से ठीक हो कर अपने माता -पिता के पास जा सके इसके लिये तो काफ़ी समय भी लग सकता है। क्योंकि जो बच्चे ज्यादा बीमार होते है। उनको ठीक होने मे 1-2महीने लग जाते है, तब तक पूरी जिम्मेदारी के साथ बाल गहन चिकित्सा वालो की है। जिम्मेदारी होती है, उनकी देख -रेख करे।
Conclusion
Picu मे बच्चों की सभी जरूरतों को पूरा करने के लिये माता -पिता के रूप मे प्रेम, शारीरिक जरूरते स्टॉप के सभी मेंबर बच्चो को देते है। जिन बच्चो को सांस लेने दिक्कत होती है, तो उनको फेस मास्क लगा कर ऑक्सीजन बच्चो को दिया जाता है। जिससे बच्चे की जान बचे। कुछ डॉक्टर अधिक जानकरी पाने के लिये बच्चो के अल्ट्रासॉउन्ड, एक्स-रे,टोमोग्राफी करते है, जिससे उसकी बीमारी का पता और अच्छे से लगाकर इलाज शुरू किया जा सके यह सब picu वाली की जिम्मेदारी होती है।