pivd full form pivd full form in medical pivd full form medical pivd full form in hindi pivd full form in medical term pivd full form PIVD Full Form In Hindi: PIVD नाम आप सब ने सुना ही होगाआइये जानते है| PIVD होता क्या है? PIVD prolapsed inter vertebral Disc है| आप अपनी जीवन मे भागादौड़ी मे गाड़ी चलाना और ऑफिस मे काम करते समय एक ही मुद्रा मे बैठे रहने से
रीढ़ की हड्डी मे काफ़ी दवाब पड़ता है| जिससे आप एक दम से अचनाक से उठते है| आपकी कमर मे भी अचनाक दर्द होने लगता है| आइये जानते है, कही सिंपल कमर दर्द स्लिप डिस्क तो नहीं बन गया| हमारे शरीर मे रीढ़ की हड्डी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है| गर्दन से होते हुये पीठ के नीचे हिस्से तक 31 हड्डियों श्रंखला एक -दूसरे से आपस मे जुडी हुयी होती है|
What is PIVD in hindi:-
PIVD 31 हड्डियों श्रंखला मे से सबसे पहेली हड्डी सर्वइकल है,यह हड्डी हमारे गर्दन के पास होती है इसकी संख्या 8 होती है| इसके बाद थोरेसिक होती है यह भी संख्या 12 होती है |यह छाती के पास पीठ के हिस्से मे उसका स्थान होता है | फिर 5हड्डियों की श्रंखला आती है, यह भी संख्या 5 होती है |कभी कभी दुर्घटना ऐसी हो जाती हैं हड्डियों के बीच पैड अपने स्थान से इधर – उधर हो जाता है, जिस वजह से हड्डियों के बीच मे से स्पाइनल नर्व गुजर रही होती है जिस पर दवाब पड़ जाता है |
इस दबाव के कारण एक स्थान से लेकर आगे तक दर्द होता हुआ चला जाता है | ज्यादातर यह समस्या गर्दन की हड्डी और कमर की हड्डी मे देखने को अक्सर मिलता है |
- PIVD full form in hindi:- प्रोलैप्सड इंटरवर्टेब्रल डिस्क है|
- PIVD full form in english:- prolapsed inter vertebral Disc.
Pivd को प्रोलैप्सड इंटरवर्टेब्रल डिस्क भी कहते है |अगर आपके कमर or गर्दन मे हमेशा दर्द बना रहता है, तो आप इसे अनदेखा बिल्कुल ना करें, डॉक्टर पास जाये और x-rey, MRI का जाँच करवाना जरूरी है जिससे पता लग जायेगा किस हिस्से की हड्डी मे चोट आयी है कैसा दर्द है |क्योंकि शुरू मे सिर्फ दर्द तक की ही समस्या रहती है बाद मे बहुत बड़ी समस्या बन सकती है |शुरू जो भी प्रॉब्लम होती है, उसको कण्ट्रोल करने के लिए फिजियोथेरपी और दवाई का उपयोग करके कण्ट्रोल कर सकते है |ज्यादा समस्या बढ़ गई तो डॉक्टर ऑपरेशन करने के लिए बोलता है, क्योकि दौरान खिसकी हुयी डिस्क को काट कर निकाल दिया जाता है |और नर्व पर जो दवाब पड़ता है, वह खत्म हो जाता है और मरीज को आराम मिल जाता है |
Conclusion:-
हमारे शरीर मे कुछ हड्डियां कमज़ोर हो जाती है, जो धीरे – धीरे PIVD को जन्म देती है I जैसे – जैसे उम्र बढ़ती है, वैसे – वैसे आपकी हड्डियों मे घिसाव होने लगता है और हड्डियां मे खिचाव पड़ने से ऐठन पड़ जाती है | अगर आप फिजियोथेरपी के साथ -साथ व्यायाम भी करने से रीढ़ की हड्डियों का दर्द कम होता है | आप सोने जाते है, तब इन बातो ध्यान रखे अपने पैर के बीच एक तकिया रख कर सोये |और घुटने के नीचे भी तकिया रख कर सोये ताकि आपकी हड्डियों मे कोई दवाब नहीं पड़े,जैसे – जैसे व्यक्ति उम्र बढ़ती है उनकी हड्डियां कमज़ोर होती जाती है | लेकिन हड्डियों ज्यादा खिचाव नहीं देना चाहिए, वजनी चीज़े नहीं उठाये, झटके से नहीं उठे – बैठे, आराम से चले