SGPT Full Form In Hindi: आज के समय में हर कोई किसी ना किसी रोग से ग्रस्त हो रहा है।ऐसे में हृदय और लिवर दोनों एक मात्र ऐसा अंग है जो भोट जल्दी और आसानी से जान ले सकता है।लापरवाही के कारण कई सारे लोग मरे जा चुके है।हृदय या लिवर में खून का बहाव ज्यादा नुकसान पहोंचा सकता है।ऐसे में यदि सरिस के किसी अंग का गलत इलाज और गलत दवाई खा ले तो रक्त की गति बढ़ जाती है।नासमझ लोग सोचते है मामूली चीज है परंतु डॉक्टर और शोधकर्ता का विचार इससे बिल्कुल अलग है।उनका मानना है कि किसी भी छोटी चीजों का जुड़ाव गंभीर हो सकता है जो आगे चलकर नुकसान पहुंचा सकता है।कुछ ऐसे ही शिष्कर्ताओ द्वारा खोज या पता किया गया एक ऐसा एंजाइम जो मानव शरीर को स्वस्थ रखता है और रक्त धारा को सही गति से चलाता है।
क्या है SGPT?
SGPT एक ऐसा एंजाइम है जो रक्त धारा को सही दिशा और गति से शरीर में बहाता है।वैसे तो शरीर में ऐसे लाखो एंजाइम्स है जो अपना अपना कार्य करते है परंतु सबसे जड़ा महत्वपर्ण कार्य करने वाला ये एंजाइम अपना अपना कार्य करते है परंतु सबसे जड़ा महत्वपर्ण कार्य करने वाला ये एंजाइम है।यदि आपका शरीर किसी रोग में है या आपका दिल और जिगर घायल हो जाता है तो रक्त कि धारा का बहाव बढ़ जाने पे ये ही उसे कंट्रोल कर सही ढ़ंग से चलाता है ।इस एंजाइम्स के और भी भोट सारे जगह उपयोग होते है जैसे वायरल हेपेटाटिस ,सिलियेक रोग ,मधुमेह,दिल का दौरा,मोटापा ,शरीर के अंगो में सूजन आदि का कार्य भार भी sgpt पे ही होता है।वैसे तो ये हर व्यक्ति के खून के पाया जाता है परंतु किसिके में काम ओर किसके अंदर जड़ा मात्रा में।ये समय समय पर खून को साफ करने का भी काम करता है।
SGPT Full Form In Hindi
1.SGPT Full form in Hindi :- रक्तप्रवाह उत्सर्जित एंजाइम
2.SGPT Full form in English :- Serum glutamic pyruvic transaminase
Full Form OF SGPT
sgpt का अंग्रेजी फुलफॉर्म होता है Serum glutamic pyruvic transaminase इसका हिंदी मतलब होता है रक्तप्रवाह उत्सर्जित एंजाइम। ये शरीर के उन हिस्सों में काम करते है जहां खून का बहाव भोट ज्यादा या कम हो जाता है।कई बार तो ये अलग से शरीर में डाला जाता है यदि किसी व्यक्ति के अंदर इसकी मात्रा बहुत कम हो। डॉक्टरों द्वारा इसका उपयोग किया जाता है।जब को छोट लगने पर खून बहुत ज्यादा बहता है तो एसजीपीटी के मदद से ही उसे रोका जाता है।
Conclusion
वैसे तो शरीर में पानी और एंजाइम्स बराबर मात्रा में हो तो किसी प्रकार की कोई बीमारी नहीं होती परंतु यदि किसी को रक्त संबंधित रोग हो तो उसे सबसे पहले डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए।बाद में उनके अनुसार बताए गए उपाय करने चाहिए।इससे शरीर स्वस्थ और पूर्ण रूप से तैयार रहेगा।