SNCU Full Form In Hindi: बढ़ती हुई तकनीकों के साथ बढ़ रहा है देश का भविष्य और रहन सहन। जहां आज हर कोई आकाश में उड़ते हुए अपनी फोटो खींच रहा है तो वही हॉस्पिटल्स के द्वारा कई ऐसे नई तकनीकों का विज्ञापन देखने को मिलता है जो किसी ने ना कभी सोचा होगा और ना कभी देखा होगा। ऐसे ही कुछ नई तकनीकों को शामिल करते हुए लोगों को राहत देने का कार्य आज हमारी चिकित्सक और चिकित्सालय कर रहे हैं।
कुछ ऐसे ही लुभावने और संवेदनशील प्रयासों को सफल बनाना हमारे देश को आगे बढ़ा रहे हैं। इन्हीं सब में से एक नई आविष्कार जिसे व्यक्तियों को मरते हुए भी बचा लिया जा सकता है। Ventilator जिसके ऊपर व्यक्ति का पुणे इलाज होता है चाहे वह सांस के परेशानी हो या कुछ और।
SNCU Full Form In Hindi
1.SNCU Full form in English :- Special newborn care unity
2.SNCU Full form in Hindi :- नवजात शिशु के लिए खास देखभाल संस्था
SNCU क्या है?
एसएनसीयू एक ऐसी मशीन है जिसके ऊपर नवजात शिशु को या उन चीजों को जो अब ग्रसित रहते हैं उन्हें रखकर उनका देखभाल किया जाता है। इस पर बच्चे को तब तक रखा जाता है जब तक वह पूर्ण तरीके से स्वास्थ्य ना हो जाए। इसके लिए उन्हें मोटी फीस जमा करनी पड़ती है और देखभाल की सारी जिम्मेदारी डॉक्टर्स की होती है। इसके ऊपर 7 महीने से लेकर के 1 साल तक के बच्चों को रखा जाता है।
शिशु जो जन्म लेते समय अपूर्ण रह गए थे उन्हें इसी के द्वारा स्वस्थ और पूर्ण किया जाता है। उस ventilator में बहित सारे तकनीकी ऑपचर के माध्यम होते है। इसके मदद से शिशु की देखभाल और बहुत सारे दवाई अवधी रोधक और सहायता मिलती है। इसमें ऑक्सीजन मास्क से लेकर के हार्टबीट चेक कर तक लगे होते हैं। इन्हीं सबसे शिशु को अच्छी देखभाल और अच्छी जांच मिलती है। इसकी मदद से शिशु को नया जीवन प्राप्त कराया जाता है।
Sncu का full form
एसएनसीयू का का फुल फॉर्म होता है स्पेशल न्यू बोर्न केयर यूनिट ( special newborn care unity) इसका हिंदी में मतलब होता है नवजात शिशु के लिए खास देखभाल संस्था। इसकी मदद से ही शिशु में नहीं जीवन की फुर्ती भरी जाती है। इसके मदद से हो हर कोई अपने अपने नवजात शिशु में प्राण को और शिशु को स्वस्थ करने का कार्य कराया जाता है।
Conclusion
sncu एक ऐसी संस्था है जिसके अंदर नवजात शिशु को देखभाल से स्वस्थ किया जाता है।परंतु कुछ ऐसे भी अस्पताल है जहां लापरवाही के कारण बच्चा स्वस्थ नहीं हो पता ।भले ही वे लोग कितने भी पैसे ले परंतु ध्यान बिल्कुल नहीं देते ।कुछ ऐसे ही मामले सामने आ रहे जिनमें छोटे छोटे शिशु को देखभाल नहीं मिलने के कारण वे मर गए या फिर डॉक्टर के लापरवही के कारण जीवित बालको को भी मृत बता दिया गया। ये सब को ध्यान में रखते हुए ही अपने शिशु को बाहर छोड़े।